लाल बहादुर शास्त्री जी के मृत्यु के ऊपर बनी Documentary
लाल बहादुर शास्त्री भारत देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे. 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के अलावा भारत रत्न और सादगी के प्रतीक लाल बहादुर शास्त्री का भी जन्म हुआ था. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद लाल बहादुर के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी
आ गई थी लेकिन उनकी समझदारी और सादगी से उन्होंने देश के कामकाज को संभाला था। उनका योगदान सराहनीय है. किसनों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके महत्व को दर्शाने के लिए लाल बहादुर शास्त्री ने 'जय जवान-जय किसान' का नारा दिया.
आजादी के समय लाल बहादुर शास्त्री ने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया और वह कई बार जेल भी गए. प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद लाल बहादुर शास्त्री के सामने 1965 में पाकिस्तान के साथ जंग थी और दूसरी तरफ देश में सूखा और अनाज का अकाल था. ऐसी
स्थिति में पूरा देश प्रधानमंत्री से आस लगाए बैठा था. इसी दौरान लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान और जय किसान का नारा दिया था. लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर आइए जानते हैं उनसे जुड़े सामान्य ज्ञान के कुछ सवालों के जवाब.
लाल बहादुर शास्त्री भारत देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे. 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के अलावा भारत रत्न और सादगी के प्रतीक लाल बहादुर शास्त्री का भी जन्म हुआ था. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद लाल बहादुर के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी
आ गई थी लेकिन इतनी समझदारी और सादगी ने उन्होंने देश के कामकाज को संभाला कि उनका योगदान सराहनीय है. किसनों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके महत्व को दर्शाने के लिए लाल बहादुर शास्त्री ने 'जय जवान-जय किसान' का नारा दिया.
आजादी के समय लाल बहादुर शास्त्री ने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया और वह कई बार जेल भी गए. प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद लाल बहादुर शास्त्री के सामने 1965 में पाकिस्तान के साथ जंग थी और दूसरी तरफ देश में सूखा और अनाज का अकाल था. ऐसी
स्थिति में पूरा देश प्रधानमंत्री से आस लगाए बैठा था. इसी दौरान लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान और जय किसान का नारा दिया था. लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर आइए जानते हैं उनसे जुड़े सामान्य ज्ञान के कुछ सवालों के जवाब.
लाल बहादुर शास्त्री भारत देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे. 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के अलावा भारत रत्न और सादगी के प्रतीक लाल बहादुर शास्त्री का भी जन्म हुआ था. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद लाल बहादुर के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी
आ गई थी लेकिन इतनी समझदारी और सादगी ने उन्होंने देश के कामकाज को संभाला कि उनका योगदान सराहनीय है. किसनों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके महत्व को दर्शाने के लिए लाल बहादुर शास्त्री ने 'जय जवान-जय किसान' का नारा दिया.
आजादी के समय लाल बहादुर शास्त्री ने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया और वह कई बार जेल भी गए. प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद लाल बहादुर शास्त्री के सामने 1965 में पाकिस्तान के साथ जंग थी और दूसरी तरफ देश में सूखा और अनाज का अकाल था. ऐसी
स्थिति में पूरा देश प्रधानमंत्री से आस लगाए बैठा था. इसी दौरान लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान और जय किसान का नारा दिया था. देखे लाल बहादुर शास्त्री के मृत्यु के ऊपर बनी ये documentry
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें